भाजपा की मानसिकता और NRC
NPR, NRC और CAA क्या है
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कहना है कि इसमें किसी भी देश के मुस्लिम की नागरिकता नहीं जाएगी
या भारत के किसी नागरिक को खतरा नहीं हैं
सही कहा अमित शाह ने कि, किसी भी भारत के नागरिक को सीएए से कोई खतरा नहीं है
में आपको बताना चाहता हूं कि आपको आपके ही घर से कैसे निकला जाएगा
NPR- आप के घर सर्वे वाले आयेंगे और कहेंगे कि, हम आपके स्कूल से आएं या पोलियों किसी भी बहाना से आ सकते हैं वह साफ भी के सकते हैं या फिर बात घुमा भी सकते हैं
आप से बो कागज़ लेंगे और घर के सदस्य के नाम माता पिता का नाम आपके माता पिता का जन्म कब हुआ कहां हुआ ये सब आपसे पूछेंगे,
और और चले जाएंगे
अब
आपके कागजों कि जांच होगी कि आपका डाटा सही है या नाम गलत है
जिसका नाम सही वह सही
जिसका नाम गलत वह डाउटफुल लिस्ट में डाल दिया जाएगा
अभी आपको पता नहीं चलेगा कि आप के उपर कोई परेशानी आने वाली है
लेकिन आपकी जांच हो गई है
उसके बाद आती है एनआरसी
NRC
इसमें आपको अब कागज़ दिखाने होंगे
इसमें आपको ऑप्शन मिलेगा की आप कोर्ट में जाकर
अपने कागजात दिखा कर अपने आप को नागरिक साबित करें और ये सिर्फ मुस्लिमों के लिए नहीं सभी के लिए है जितने भारत को अपना घर जन्म भूमि मानते हैं
अब आप दिखाते रहिए कागज़
अब खेल आता है सीए ए का
सी ए ए लाने का भाजपा का क्या प्लान है
1 सी ए ए से किसी भी मुस्लिम या किसी भी देश नागरिक को कोई खतरा नहीं है
इसमें जितने भी तीन देशों पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश लोग प्रताड़ित होकर हिन्दू,सिख,ईसाई,, जैन,पारसी और बौद्ध, इन धर्मो के लोग जो धर्म के धर्म के आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हैं ( जो 2014 से पहले आ गए हैं भारत में )
उनको भारत कि नागरिकता दी जाएगी,
सी ए ए में मुस्लिमों को नागरिकता नहीं दी जाएगी
चाहें वह धर्म के नाम पर प्रताड़ित होकर आएं हो या फिर काम के लिए हों
वह बौद्ध भी हो सकता है कोई भी हो सकता है
सबसे पहला सवाल सी ए ए में
धर्म के नाम पर जो प्रताड़ित होकर आएं हों
उनको नागरिकता दी जाएगी
तो आप कैसे पता करेंगे की ये लोग धर्म के नाम पर प्रताड़ित होकर आए हैं ?
चलो आपने एक पैमाना बना लिया कि जितने गैर मुस्लिम हैं उनका इन देशों में प्रताड़ित किया जाता है
लेकिन आपने फिर श्री लंका में जो तमिल है उनको क्यों नहीं शामिल किया ?
पाकिस्तान में अहमादिया और शियाओं को भी प्रताड़ना होती है आपने उनको शामिल क्यों नहीं क्या ?
सी ए ए लाने का मतलब की
जितने इन 6 धर्मो के लोगों के पास कागज़ नहीं होंगे एनआरसी में उनको सीएए का सपोर्ट मिल जाएगा
ऐसा कुछ लोग सोच रहे हैं
लेकिन सच्चाई
मान लीजिए कि 133 करोड़ की जन संख्या है
और एन आर सी में 10 करोड़ लोगों के पास अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कुछ ऐसा कुछ नहीं जिसमें की आप उनको देश का नागरिक माने
10 करोड़ ने गरीब हिन्दू, गरीब पारसी गरीब जैन जितने भी धर्म है भारत में
उनके पास नहीं है कागज़ तब
यहां आप ध्यान से पढ़ें की नागरिकता उसको दी जाएगी जो कि धर्म की वजह से प्रताड़ित होकर आएं है
और जो गरीब देश का है जिसके पास उसके मा बाप का जन्म प्रमाण पत्र नहीं है
या जिसका नाम नहीं मिल रहा है
जैसे अभिषेक - abishek
या किसी के नाम के नाम में कुमार है उसके नाम के पीछे सिंह लगा दिया है तो आप उनको मानेंगे नहीं
आप चाहें हिन्दू है या किसी और धर्म के आप
सी ए ए का लाभ आप तब उठा सकते हैं जब आप ये दिखाएंगे की आप बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान या पाकिस्तान से आए हैं
मुस्लिमों का तो साफ हो रहा है कि मुस्लिम तो डिटेंशन कैंप में जायेंगे ही लेकिन
क्यों की जो लोग भारत के हैं या किसी और मुल्क से आए हैं
लेकिन हिन्दू जो खुश है । जिसका नाम नहीं आया बो अपने आप को विदेशी कैसे साबित करेगा
तो साहब आप भी चलो डिटेंशन कैंप में
आप किसी बाहर के नागरिक को अपने देश कि नागरिकता दे रहे हैं तो दीजिए किसी को कोई आपत्ती नहीं अगर आप बाहर के मुस्लिमों को नहीं लेना चाहते तो आप ना लीजिए
लेकिन उन लोगों का आप करेंगे क्या पाकिस्तान
ने मना कर दिया है कि पाकिस्तान किसी को नहीं लेगा
बांग्लादेश से आपने मना कर दिया है
तो अफ़ग़ानिस्तान को दोगे
या फिर इनको समंदर में डालोगे
या कैंप में रखोगे
तो इसका खर्च कोन उठाएगा
देश के लिए सोचो सिर्फ राजनीति के लिए नहीं
ये भाजपा सरकार राम मंदिर का मुद्दा खत्म होने के बाद ये दूसरा मुद्दा उठा रही है
CAA, NRC, NPR
बचेगा कोई नहीं
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कहना है कि इसमें किसी भी देश के मुस्लिम की नागरिकता नहीं जाएगी
या भारत के किसी नागरिक को खतरा नहीं हैं
सही कहा अमित शाह ने कि, किसी भी भारत के नागरिक को सीएए से कोई खतरा नहीं है
में आपको बताना चाहता हूं कि आपको आपके ही घर से कैसे निकला जाएगा
NPR- आप के घर सर्वे वाले आयेंगे और कहेंगे कि, हम आपके स्कूल से आएं या पोलियों किसी भी बहाना से आ सकते हैं वह साफ भी के सकते हैं या फिर बात घुमा भी सकते हैं
आप से बो कागज़ लेंगे और घर के सदस्य के नाम माता पिता का नाम आपके माता पिता का जन्म कब हुआ कहां हुआ ये सब आपसे पूछेंगे,
और और चले जाएंगे
अब
आपके कागजों कि जांच होगी कि आपका डाटा सही है या नाम गलत है
जिसका नाम सही वह सही
जिसका नाम गलत वह डाउटफुल लिस्ट में डाल दिया जाएगा
अभी आपको पता नहीं चलेगा कि आप के उपर कोई परेशानी आने वाली है
लेकिन आपकी जांच हो गई है
उसके बाद आती है एनआरसी
NRC
इसमें आपको अब कागज़ दिखाने होंगे
इसमें आपको ऑप्शन मिलेगा की आप कोर्ट में जाकर
अपने कागजात दिखा कर अपने आप को नागरिक साबित करें और ये सिर्फ मुस्लिमों के लिए नहीं सभी के लिए है जितने भारत को अपना घर जन्म भूमि मानते हैं
अब आप दिखाते रहिए कागज़
अब खेल आता है सीए ए का
सी ए ए लाने का भाजपा का क्या प्लान है
1 सी ए ए से किसी भी मुस्लिम या किसी भी देश नागरिक को कोई खतरा नहीं है
इसमें जितने भी तीन देशों पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश लोग प्रताड़ित होकर हिन्दू,सिख,ईसाई,, जैन,पारसी और बौद्ध, इन धर्मो के लोग जो धर्म के धर्म के आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हैं ( जो 2014 से पहले आ गए हैं भारत में )
उनको भारत कि नागरिकता दी जाएगी,
सी ए ए में मुस्लिमों को नागरिकता नहीं दी जाएगी
चाहें वह धर्म के नाम पर प्रताड़ित होकर आएं हो या फिर काम के लिए हों
वह बौद्ध भी हो सकता है कोई भी हो सकता है
सबसे पहला सवाल सी ए ए में
धर्म के नाम पर जो प्रताड़ित होकर आएं हों
उनको नागरिकता दी जाएगी
तो आप कैसे पता करेंगे की ये लोग धर्म के नाम पर प्रताड़ित होकर आए हैं ?
चलो आपने एक पैमाना बना लिया कि जितने गैर मुस्लिम हैं उनका इन देशों में प्रताड़ित किया जाता है
लेकिन आपने फिर श्री लंका में जो तमिल है उनको क्यों नहीं शामिल किया ?
पाकिस्तान में अहमादिया और शियाओं को भी प्रताड़ना होती है आपने उनको शामिल क्यों नहीं क्या ?
सी ए ए लाने का मतलब की
जितने इन 6 धर्मो के लोगों के पास कागज़ नहीं होंगे एनआरसी में उनको सीएए का सपोर्ट मिल जाएगा
ऐसा कुछ लोग सोच रहे हैं
लेकिन सच्चाई
मान लीजिए कि 133 करोड़ की जन संख्या है
और एन आर सी में 10 करोड़ लोगों के पास अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कुछ ऐसा कुछ नहीं जिसमें की आप उनको देश का नागरिक माने
10 करोड़ ने गरीब हिन्दू, गरीब पारसी गरीब जैन जितने भी धर्म है भारत में
उनके पास नहीं है कागज़ तब
यहां आप ध्यान से पढ़ें की नागरिकता उसको दी जाएगी जो कि धर्म की वजह से प्रताड़ित होकर आएं है
और जो गरीब देश का है जिसके पास उसके मा बाप का जन्म प्रमाण पत्र नहीं है
या जिसका नाम नहीं मिल रहा है
जैसे अभिषेक - abishek
या किसी के नाम के नाम में कुमार है उसके नाम के पीछे सिंह लगा दिया है तो आप उनको मानेंगे नहीं
आप चाहें हिन्दू है या किसी और धर्म के आप
सी ए ए का लाभ आप तब उठा सकते हैं जब आप ये दिखाएंगे की आप बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान या पाकिस्तान से आए हैं
मुस्लिमों का तो साफ हो रहा है कि मुस्लिम तो डिटेंशन कैंप में जायेंगे ही लेकिन
क्यों की जो लोग भारत के हैं या किसी और मुल्क से आए हैं
लेकिन हिन्दू जो खुश है । जिसका नाम नहीं आया बो अपने आप को विदेशी कैसे साबित करेगा
तो साहब आप भी चलो डिटेंशन कैंप में
आप किसी बाहर के नागरिक को अपने देश कि नागरिकता दे रहे हैं तो दीजिए किसी को कोई आपत्ती नहीं अगर आप बाहर के मुस्लिमों को नहीं लेना चाहते तो आप ना लीजिए
लेकिन उन लोगों का आप करेंगे क्या पाकिस्तान
ने मना कर दिया है कि पाकिस्तान किसी को नहीं लेगा
बांग्लादेश से आपने मना कर दिया है
तो अफ़ग़ानिस्तान को दोगे
या फिर इनको समंदर में डालोगे
या कैंप में रखोगे
तो इसका खर्च कोन उठाएगा
देश के लिए सोचो सिर्फ राजनीति के लिए नहीं
ये भाजपा सरकार राम मंदिर का मुद्दा खत्म होने के बाद ये दूसरा मुद्दा उठा रही है
CAA, NRC, NPR
बचेगा कोई नहीं
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