दिल्ली हिंसा में आम आदमी पार्टी कहां ?
दिल्ली हिंसा में आप कहां ?
सी ए ए के विरोध मै दिसंबर 2019 से यानी इसको वापस करवाने के लिए देश भर में जगह जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
जिनको खास नाम दिया गया है शाहीन बाग़
इन प्रदर्शनों से भाजपा घबराई हुई है
जिसका मंजर जामिया में 30 जनवरी को देखने को मिला था ।
उसके बाद दिल्ली के शाहीन बाग़ में भी एक लड़का तमंचा लहराता हुआ आया और गोली चलाई,
ये सब प्रयास थे भाजपा के प्रदर्शन कारियों को डराने के और उनको वहां से हटाने के लिए।
जिसमें सरकार नाकाम रही ।
कुछ दिन बाद जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत यात्रा पर आने वाले थे ।
तब 23 फरवरी को भाजपा के नेता कपिल मिश्रा
उत्तर पूर्वी दिल्ली में जाते हैं पुलिस सुरक्षा के साथ
और पुलिस को खुली धमकी देते हैं
' हम आपको डोनाल्ड ट्रंप जब तक भारत में हैं जब तक का टाइम दे रहे हैं उसके बाद हैं आपकी भी नहीं सुनेंगे '
दिन रविवार का था
उसी शाम को हिंसा भड़क गई
और ये हिंसा तीन दिन लगातार भड़कती रही
जिसमें 45+ लोगों की जान गई जबकि 500+ घायल हैं और व्यापार का भी काफी नुकसान हुआ है ।
इस हिंसा में आम आदमी पार्टी कहां है
सोचने की बात है
जब हिंसा हो रही थी उसी दौरान आम आदमी पार्टी अपने विधायकों को वहां भेजती तो किया वहां का माहौल शांत नहीं हो जाता
हिंसा तीन दिन तक भड़कती रही लेकिन कोई भी आम आदमी पार्टी का नुमाइंदा नहीं पहुंचा,
क्यों ?
जब लोग हॉस्पिटल में थे । तब भी आप का कोई नुमाइंदा हॉस्पिटल नहीं पहुंचा जबकि हिंसा में झुलसे लोगों का सही से इलाज नहीं हो रहा था
और जिसकी इस हिंसा में मृत्यु हो गई है उनका पोस्टमार्टम भी नहीं हो रहा था
जबकि आप को वोट ही हॉस्पिटल और शिक्षा के नाम पर मिले थे
इसमें आपने कोई एक्शन क्यों नहीं लिया ?
भाजपा सरकार कह रही है कि ये लोग सी ए ए के विरोधी थे
जबकि वरोध प्रदर्नशंकरी कह रहे हैं कि ये लोग भाजपा के हैं ।
जो आम आदमी पार्टी ने अपनी चुनाव में सीसीटीवी केमेरा को कहा था कि हमने केमेरा लगवा दिए हैं
तो फिर सीसीटीवी केमेरा में देखो और चेहरे पहचानो कोन कोन हैं ।
आगर आप लोग ये के रहे हैं कि सीसीटीवी कैमरा तोड़ दिए थे।
तब चलो मान लिया कि सीसीटीवी कैमरे पर भी हमला किया गया था ।
लेकिन उस दिन की तो फुटेज होगी जिस दिन पत्थर आए थे वह कोन लेकर आया ? ये देखें आप ?
जिसने भी सीसीटीवी कैमरा तोड़ा है लास्ट फ्रेम में तो आया होगा तोड़ने वाले का चेहरा उसको देखें किसने तोड़ा और कार्यवाही करवाएं या फिर ये कहो की
हमे भाजपा सरकार काम करने नहीं दे रही है
अगर दिल्ली के हिंसा करियों को सजा नहीं मिलती है तब इसमें आम आदमी पार्टी का भी पक्का समर्थन है
सी ए ए के प्रदर्शन कारियों को हटाने के लिए
केजरीवाल का दिल्ली की हिंसा में काफी हद्द तक हाथ है
मुझे मेरे इन सवालों के जवाब का इंतजार रहेगा
धन्यवाद पड़ने के लिए
अगर कोई फैक्त गलत हो तब आ कॉमेंट में बता सकते हैं
सी ए ए के विरोध मै दिसंबर 2019 से यानी इसको वापस करवाने के लिए देश भर में जगह जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
जिनको खास नाम दिया गया है शाहीन बाग़
इन प्रदर्शनों से भाजपा घबराई हुई है
जिसका मंजर जामिया में 30 जनवरी को देखने को मिला था ।
उसके बाद दिल्ली के शाहीन बाग़ में भी एक लड़का तमंचा लहराता हुआ आया और गोली चलाई,
ये सब प्रयास थे भाजपा के प्रदर्शन कारियों को डराने के और उनको वहां से हटाने के लिए।
जिसमें सरकार नाकाम रही ।
कुछ दिन बाद जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत यात्रा पर आने वाले थे ।
तब 23 फरवरी को भाजपा के नेता कपिल मिश्रा
उत्तर पूर्वी दिल्ली में जाते हैं पुलिस सुरक्षा के साथ
और पुलिस को खुली धमकी देते हैं
' हम आपको डोनाल्ड ट्रंप जब तक भारत में हैं जब तक का टाइम दे रहे हैं उसके बाद हैं आपकी भी नहीं सुनेंगे '
उसी शाम को हिंसा भड़क गई
और ये हिंसा तीन दिन लगातार भड़कती रही
जिसमें 45+ लोगों की जान गई जबकि 500+ घायल हैं और व्यापार का भी काफी नुकसान हुआ है ।
इस हिंसा में आम आदमी पार्टी कहां है
सोचने की बात है
जब हिंसा हो रही थी उसी दौरान आम आदमी पार्टी अपने विधायकों को वहां भेजती तो किया वहां का माहौल शांत नहीं हो जाता
हिंसा तीन दिन तक भड़कती रही लेकिन कोई भी आम आदमी पार्टी का नुमाइंदा नहीं पहुंचा,
क्यों ?
जब लोग हॉस्पिटल में थे । तब भी आप का कोई नुमाइंदा हॉस्पिटल नहीं पहुंचा जबकि हिंसा में झुलसे लोगों का सही से इलाज नहीं हो रहा था
और जिसकी इस हिंसा में मृत्यु हो गई है उनका पोस्टमार्टम भी नहीं हो रहा था
जबकि आप को वोट ही हॉस्पिटल और शिक्षा के नाम पर मिले थे
इसमें आपने कोई एक्शन क्यों नहीं लिया ?
भाजपा सरकार कह रही है कि ये लोग सी ए ए के विरोधी थे
जबकि वरोध प्रदर्नशंकरी कह रहे हैं कि ये लोग भाजपा के हैं ।
जो आम आदमी पार्टी ने अपनी चुनाव में सीसीटीवी केमेरा को कहा था कि हमने केमेरा लगवा दिए हैं
तो फिर सीसीटीवी केमेरा में देखो और चेहरे पहचानो कोन कोन हैं ।
आगर आप लोग ये के रहे हैं कि सीसीटीवी कैमरा तोड़ दिए थे।
तब चलो मान लिया कि सीसीटीवी कैमरे पर भी हमला किया गया था ।
लेकिन उस दिन की तो फुटेज होगी जिस दिन पत्थर आए थे वह कोन लेकर आया ? ये देखें आप ?
जिसने भी सीसीटीवी कैमरा तोड़ा है लास्ट फ्रेम में तो आया होगा तोड़ने वाले का चेहरा उसको देखें किसने तोड़ा और कार्यवाही करवाएं या फिर ये कहो की
हमे भाजपा सरकार काम करने नहीं दे रही है
अगर दिल्ली के हिंसा करियों को सजा नहीं मिलती है तब इसमें आम आदमी पार्टी का भी पक्का समर्थन है
सी ए ए के प्रदर्शन कारियों को हटाने के लिए
केजरीवाल का दिल्ली की हिंसा में काफी हद्द तक हाथ है
मुझे मेरे इन सवालों के जवाब का इंतजार रहेगा
धन्यवाद पड़ने के लिए
अगर कोई फैक्त गलत हो तब आ कॉमेंट में बता सकते हैं
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